Friday 21 December 2018

Play school kanoon

Rराष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीइआरटी) ने विगत मई में नियम बनाया था कि कोई स्कूल प्री-नर्सरी में तीन साल से कम उम्र के बच्चों को दाखिला नहीं देगा। इसके बावजूद हरियाणा में बड़ी संख्या में प्ले स्कूलों के अलावा मान्यता प्राप्त निजी स्कूल ऐसे हैं जहां दो-ढाई साल के बच्चों को एडमिशन दे दिया गया। शिक्षा विभाग के पास लगातार इसकी शिकायतें पहुंच रही हैं।

इस पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार ने हाल ही में प्ले स्कूलों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के दायरे में लाने की व्यवस्था कर दी। इसका फायदा यह होगा कि सभी प्ले स्कूलों की मान्यता हर साल रिन्यू होगी और बच्चों की फीस भी सरकार निर्धारित करेगी। नियमों पर खरा नहीं उतरने वाले प्ले स्कूलों को बंद कराया जाएगा।


अब शिक्षा निदेशक ने सभी डीईईओ और बीईईओ को लिखित आदेश जारी किया है कि पूर्व प्राथमिक शिक्षा दो साल से अधिक नहीं हो सकती, इसलिए स्कूलों में छापामारी कर तीन साल से कम उम्र के बच्चों को दाखिला दे रहे स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाए।


जिला कार्यक्रम अधिकारी बंद कराएंगे फर्जी प्ले-स्कूल


महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को फर्जी प्ले स्कूलों को बंद कराने का निर्देश दिया है। मौजूदा समय में कोई निर्धारित मापदंड या पॉलिसी नहीं होने के चलते शहरों में कुकुरमुत्तों की तरह प्ले स्कूल खुलते चले गए। मामला हाईकोर्ट में पहुंचा जिसके बाद अदालत ने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर प्ले स्कूलों के लिए गाइड लाइन बनाने के निर्देश दिए।


अब प्रदेश सरकार ने प्ले स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी हैं। प्ले स्कूल चलाने के लिए पहले जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास आवेदन करना होगा। इसके बाद संबंधित सीडीपीओ के साथ अफसरों की टीम स्कूल का निरीक्षण करेगी और सभी मानक पूरे होने पर एक साल की मान्यता दी जाएगी। हर साल इन स्कूलों को नए सिरे से मान्यता रिन्यू करानी होगी।




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