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2019 में इन 11 उपायों से बना सकते हैं पैसे, शेयर बाजार में मिलेगा बंपर रिटर्न


इकनॉमिकटाइम्स.कॉम | Updated Jan 3, 2019, 01:54 PM IST

साल 2018 में शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया। इस साल निवेशकों को वह रिटर्न हासिल नहीं हुआ, जिसकी उन्हें उम्मीद थी। हालांकि, साल 2019 को निवेश के लिहाज से बेहतर बताया जा रहा है और कुछ बातों पर गौर कर हम नए साल में न सिर्फ बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं, बल्कि अपने आर्थिक लक्ष्य की तरफ अग्रसर हो सकते हैं।

हाइलाइट्स

साल 2018 में शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया जो साल के अंत तक जारी रहा


साल के अंत तक अधिकांश असेट्स क्लास ने औसत से कम रिटर्न दिया


विशेषज्ञों का मानना है कि साल 2019 में अर्थव्यवस्था के हालात बेहतर रहेंगे


इससे न सिर्फ आपकी आर्थिक रणनीति सुधरेगी, बल्कि अपने आर्थिक लक्ष्यों को हासिल कर पाएंगे


नई दिल्ली 
निवेश के लिहाज से साल 2018 बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस बात में कोई संशय नहीं कि आर्थिक लिहाज से यह साल मुश्किलों भरा रहा है। और साल के अंत तक अधिकांश असेट्स क्लास ने औसत से कम रिटर्न दिया। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि साल 2019 में हालात बेहतर रहेंगे। इसलिए, नए साल में बढ़िया परिदृश्य का फायदा उठाने के लिए आपको निवेश-बचत से जुड़े इन 11 उपायों पर जरूर गौर करना चाहिए। इससे न सिर्फ आपकी आर्थिक रणनीति सुधरेगी, बल्कि आप अपने आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने की ओर तेजी से बढ़ेंगे। 

1. SIP से बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा उठाएं 

आने वाले साल में लोकसभा चुनाव के दौरान शेयर बाजार में काफी उथल-पुथल रहेगी। बाजार में गिरावट की स्थिति में आप एसआईपी बंद नहीं करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में ही फंड्स कम कीमतों पर शेयरों को खरीदते हैं, जिसका फायदा बाद में मिलता है। इसलिए अगर एसआईपी में अभी तक निवेश नहीं किया है, तो जरूर करें। 

2. लार्ज-कैप फंड के विकल्प पर करें विचार
साल 2018 में लार्ज कैप फंड्स का प्रदर्शन बहुत आकर्षक नहीं रहा है और आने वाले साल में भी इसका परिदृश्य बहुत सकारात्मक नहीं है। ऐसे में आप लार्ज-कैप फंड्स के विकल्प पर विचार कर सकते हैं। अगर आप ज्यादा रिटर्न चाहते हैं और अधिक उतार-चढ़ाव को सहन कर सकते हैं, तो मल्टी-कैप फंड्स पर दांव आजमा सकते हैं। 


3. SIP के कैपिटल गेन का नियमित फायदा उठाएं 
इक्विटी फंड के कैपिटल गेन का फायदा नियमित तौर पर उठाते रहें, क्योंकि इससे आप इक्विटी इंस्ट्रूमेंट में लंबी अवधि के निवेश पर लगने वाले 10 फीसदी कैपिटल गेन टैक्स से बच जाएंगे। दरअसल, पिछले बजट में सरकार ने एक बार फिर एलटीसीजी टैक्स को लागू कर दिया है, जिसके तहत एक साल से अधिक समय तक रखे गए इक्विटी फंड से एक लाख से अधिक आय पर 10 फीसदी का टैक्स लगा दिया गया है। इसलिए आप फंड को एक लाख के कैपिटल गेन को पार करने से पहले ही भुना लें, ताकि आपको टैक्स नहीं देना पड़े। 

4. इंट्रेस्ट रेट की नई व्यवस्था का लाभ उठाएं 
आरबीआई ने फ्लोटिंग लोन का इंट्रेस्ट रेट तय करने के लिए एक्सटर्नल बेंचमार्क तय कर दिया है। ऐसे में बैंकों के बीच ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए प्रतिस्पर्धा का बढ़ना स्वाभाविक है। नया बेंचमार्क लागू होने के बाद भी आप इसका फायदा उठा सकते हैं। अगर किसी बैंक में आपका कोई फ्लोटिंग लोन चल रहा है, तो आप उसे किसी दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं, जो आपको कम इंट्रेस्ट रेट ऑफर कर रहा हो। हालांकि, इससे पहले आप अपने बैंक से रेट कम करने के लिए कह सकते हैं, लेकिन अगर वह राजी नहीं होता है, तो आप बेशक अपना लोन ट्रांसफर कर सकते हैं। यह बात याद रखें, कि ईएमआई का इंट्रेस्ट कंपोनेंट शुरुआती सालों में अधिक होता है और आप इसका अधिक से अधिक फायदा उठाना चाहते हैं, तो लोन के शुरुआत में ही किसी दूसरे बैंक का रुख करें। 

5. इंडेक्स फंड की जगह दिसंबर 2019 निफ्टी कॉल खरीदें 
कभी-कभी फ्यूचर ऐंड ऑप्शंस (एफऐंडओ) रणनीति निवेशकों को इंडेक्स फंड की तुलना में बेहतर रिटर्न दे जाती है। हालांकि, फ्यूचर ऐंड ऑप्शंस में निवेश करने की सामान्यतया सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि यह हाई रिस्क सेगमेंट है और निवेशक को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर मार्केट उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नही कर रहा है, तो आपको भारी नुकसान होने की संभावना होती है। हालांकि, अगर एफऐंडओ और इंडेक्स फंड में जोखिम समान हो, तो कभी-कभी एफऐंडओ सेगमेंट बेहतर अवसर प्रदान करता है। 

6. शॉर्ट-टर्म डेट फंड चुनें 
इंट्रेस्ट रेट को लेकर अनिश्चितता से लॉन्ग टर्म डेट फंड रिस्की बन जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसी स्थिति में लॉन्ग टर्म फंड का चयन करना सही नहीं होता। ये फंड इंट्रेस्ट रेट में कमी का फायदा उठाने के लिए लॉन्ग टर्म मैच्योरिटी वाले बॉन्ड में निवेश करते हैं। हालांकि, हाल के दिनों में शॉर्ट टर्म डेट फंड का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से बेहतर रहा है। इडेलवाइज म्यूचुअल फंड के फिक्स्ड इनकम के सीआईओ धवल दलाल का कहते हैं, 'निवेशकों को धीरे-धीरे लॉन्ग टर्म डेट फंड से बाहर निकलना चाहिए, क्योंकि मौजूदा समय में इसमें कोई खास फायदा नहीं है।' वह तीन साल तक के मैच्योरिटी प्रोफाइल वाले शॉर्ट टर्म डेट फंड में निवेश का सुझाव देते हैं। 


7. स्थिर रिटर्न, कम टैक्स के लिए एफएमपी में निवेश करें 
डेट म्यूचुअल फंड्स में इंट्रेस्ट रेट का रिस्क होता है। अगर इंट्रेस्ट रेट बढ़ता है, तो डेट फंड में नुकसान होता है। अगर आप इस जोखिम से दूर रहना चाहते हैं, तो फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लांस (एफएमपी) में निवेश कीजिए। एफएमपी डेट सिक्योरिटीज खरीदते हैं और उसे मैच्योरिटी तक अपने पास रखते हैं, इसलिए उनका रिटर्न बॉन्ड यील्ड के बराबर होता है। डेट म्युचुअल फंड्स तरह ही एफएमएपी से शॉर्ट-टर्म गेन पर भी इनकम टैक्स लगता है। लेकिन, अगर इसे तीन साल से अधिक समय तक रखा जाए, तो गेन को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की तरह माना जाता है और टैक्स की दर इन्डेक्सेशन के बाद कम होकर 20 फीसदी होती है। 


8. एनपीएस पर गौर करने का समय 
इस स्कीम से जुड़ी कुछ दिक्कतों का निदान हुआ है और साल 2018 में निवेश का लोकप्रिय साधन बना है। नवंबर 2017 में ऑनलाइन किए गए एक सर्वे में 30 फीसदी से अधिक प्रतिभागियों ने बताया कि कॉर्पस पर टैक्स लगने की वजह से उन्होंने एनपीएस पर निवेश नहीं किया है। रिटायर होने पर एनपीएस निवेशक 40 फीसदी कॉर्पस का इस्तेमाल एनुइटी खरीदने के लिए और बाकी का 60 फीसदी कॉर्पस निकाल सकते हैं। अब तक निकासी की केवल 40 फीसदी रकम ही टैक्स फ्री थी, जबकि 20 फीसदी पर टैक्स लगता था। लेकिन दिसंबर में केंद्र सरकार ने मैच्योरिटी पर संपूर्ण 60 फीसदी निकासी की रकम को टैक्स फ्री कर दिया। अग्रसिव निवेशकों ने लॉन्ग टर्म में बेहद अधिक रिटर्न कमाया है। 

9. यूएस-फोकस्ड फंड्स को न करें नजरअंदाज 
अमेरिकी शेयरों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड्स ने कुछ महीने पहले तक काफी फायदा कमाया, लेकिन पिछले तीन महीनों में उनकी नेट असेट वैल्यू में काफी गिरावट आई है। हालांकि, इससे निवेशकों यूएस-फोकस्ड फंड्स को कमतर नहीं आंकना चाहिए। गेटिंग यू रिच के सीईओ रोहित शाह कहते हैं, 'किसी भी इक्विटी फंड के प्रदर्शन को आंकने के लिए तीन महीने का वक्त बेहद कम होता है।' 

10. अपने सिनियर सिटिजन पैरंट के नाम पर करें निवेश 
आप अपने सिनियर सिटिजन पैरंट के नाम पर निवेश का लाभ उठा सकते हैं, क्योंकि सिनियर सिटिजन को इंट्रेस्ट से 50 हजार तक हुई आय टैक्स फ्री है। 

11. मल्टी-ईयर हेल्थ इंश्योरेंस को चुनें 
अगर आप कई सालों का प्रमियम अडवांस में पे करते हैं, तो आपको प्रीमियम में भारी छूट मिलती है। इसलिए इस विकल्प का खयाल रखें। 

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Web Title: financial plan for 2019 that will increase your wealth, 11 moves for wealth increase
(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)

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